जागती आँखों के सपने
अक्सर मुझे परेशान करते हैं,
मैं सोना चाहता हूँ
हवा में औंधे मुंह किए
गुरुत्वाकर्षण के नियम के खिलाफ,
चाहता हूँ कि
ख़्वाब में आए नींद का झरोखा कोई,
घड़ी का चलना भी
डायल्यूट हो जाये
मेरी साँसो की तरह...
खुद से लड़ते झगड़ते हुये
कई बातें जो मैं भूल चुका हूँ
उन बातों की अधूरी लिस्ट को भी
Shift+Delete कर देना चाहता हूँ,
अगर जो सुकून और खुशी
अब इन कंक्रीट के जंगलों में ही
मिलते हों तो,
डूबते हुये नारंगी सूरज का जो लम्हा
कैद है मेरी इन आँखों में
उसे भी मैं इन ऊंची इमारतों के अंदर ही
जमा देना चाहता हूँ सीमेंट से
हमेशा हमेशा के लिए...
अक्सर मुझे परेशान करते हैं,
मैं सोना चाहता हूँ
हवा में औंधे मुंह किए
गुरुत्वाकर्षण के नियम के खिलाफ,
चाहता हूँ कि
ख़्वाब में आए नींद का झरोखा कोई,
घड़ी का चलना भी
डायल्यूट हो जाये
मेरी साँसो की तरह...
खुद से लड़ते झगड़ते हुये
कई बातें जो मैं भूल चुका हूँ
उन बातों की अधूरी लिस्ट को भी
Shift+Delete कर देना चाहता हूँ,
अगर जो सुकून और खुशी
अब इन कंक्रीट के जंगलों में ही
मिलते हों तो,
डूबते हुये नारंगी सूरज का जो लम्हा
कैद है मेरी इन आँखों में
उसे भी मैं इन ऊंची इमारतों के अंदर ही
जमा देना चाहता हूँ सीमेंट से
हमेशा हमेशा के लिए...