Saturday, January 18, 2020

सीधी-सादी कविताएं...

उसे पसंद है सीधी-सादी कविताएं
जिनमें शब्दों के जाले न बुने गए हों
जिनमे बस बदहवास
प्रेम लिखा और कुछ नहीं
न उर्दू अल्फ़ाज़ों से खेला हो मैंने
न ही कोई विम्ब ऐसा
जो उसे समझ न आये
जिसमें भाव के अंदर
कोई और भाव न छुपा हो
इन्सेप्शन की तरह..

मैं उठाता हूँ अपनी डायरी 
खोजता हूँ कि 
लिखा हो शायद 
कुछ ऐसा आसान सा 
फिर लगता है जब 
ज़िंदगी ही कभी इतनी आसान न थी
तो लिखता कैसे... 

अब आसान सा लिखूँ 
तो झूठ लगता है,
उतना ही झूठ 
जितनी कुछ बीती बातें 
लगने लगी हैं आज कल... 

Do you love it? chat with me on WhatsApp
Hello, How can I help you? ...
Click me to start the chat...