Monday, December 06, 2010

हिंदी साहित्य के एक महान कवि ...

                    आपका ये चहेता ब्लॉग मित्र शेखर सुमन हाज़िर है पहचान कौन चित्र पहेली :- ७ के उत्तर के साथ |  


                    महाकवि के रूप में सुविख्यात जयशंकर प्रसाद (१८९० -१९३७) हिंदी साहित्य में एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। तितली, कंकाल और इरावती जैसे उपन्यास और आकाशदीप, मधुआ और पुरस्कार जैसी कहानियाँ उनके गद्य लेखन की अपूर्व ऊँचाइयाँ हैं। काव्य साहित्य में कामायनी बेजोड कृति है। कथा साहित्य के क्षेत्र में भी उनकी देन महत्त्वपूर्ण है। भावना-प्रधान कहानी लिखने वालों में वे अनुपम थे। आपके पाँच कहानी-संग्रह, तीन उपन्यास और लगभग बारह काव्य-ग्रन्थ हैं।
                    इनका जन्म ३० जनवरी १८९० को वाराणसी में हुआ । प्रारम्भिक शिक्षा आठवीं तक किंतु घर पर संस्कृत, अंग्रेज़ी,पालि, प्राकृत भाषाओं का अध्ययन किया। इसके बाद भारतीय इतिहास, संस्कृति, दर्शन, साहित्य और पुराण कथाओं का एकनिष्ठ स्वाध्याय  |     
                    छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक माने जाते हैं । एक महान लेखक के रूप में प्रख्यात रहे। विविध रचनाओं के माध्यम से मानवीय करूणा और भारतीय मनीषा के अनेकानेक गौरवपूर्ण पक्षों का उद्घाटन किया। इन्होने अपने ४८ वर्षो के छोटे से जीवन में कविता, कहानी, नाटक, उपन्यास और आलोचनात्मक निबंध आदि विभिन्न विधाओं में रचनाएं की हैं।
१४ जनवरी १९३७ को वाराणसी में इनका निधन हो गया |
                     आप सभी ने इनकी लिखी कविता अरुण यह मधुमय देश हमारा जरूर पढ़ी होगी...

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