Monday, March 07, 2011

क्या आप भी अपने आपको इन नेताओं से बेहतर समझते हैं ???

                आपको कई लोग नेताओं को गाली देते हुए नज़र आ जायेंगे | इनमे से वो लोग भी हैं जो खुद या तो घूस लेते हैं या देते हैं.. शायद आप भी उन्ही में से हों...कभी न कभी मैंने भी ये काम ज़रूर किया है... क्या हम लोग भ्रष्ट नहीं है ????

                 क्या आप अपने को इमानदार समझते हैं ???? चलिए मैं आपसे कुछ सवाल पूछता हूँ और ये अपने आप साबित हो जायेगा कि आप भी उन नेताओं से किसी मामले में कम नहीं है  और हाँ इन सवालों का जवाब आप मुझे नहीं अपने आप को दें...

                 १. क्या आपने अपनी ज़िन्दगी में कभी रिश्वत नहीं ली ??( ये प्रश्न उन लोगों के लिए है, जिन्हें ऐसा मौका मिला हो लेकिन इमानदारी के कारण ऐसा न किया हो ).. याद रहे रिश्वत, रिश्वत होती है चाहे १०० रुपये की हो या १० लाख की...
                 २. अब आते हैं काले धन की तरफ, नेताओं का काला धन तो सब को नज़र आता है लेकिन क्या आप उसमे सहयोग नहीं करते ??? ज़रा सोचिये हम दिन भर में न जाने कितने ही सामान खरीदते हैं उनमे से कितने की रसीद लेते हैं, याद रहे बिना पक्की रसीद के आपके द्वारा खरीदा हुआ हर सामान काले धन को बढ़ा रहा है...  (इस कैटेगरी में भारत के लगभग शत-प्रतिशत लोग आते हैं)...
                 ३. आपमें से कुछ लोग ऐसे भी होंगे जिनके सामने कभी न कभी कोई अपराध हुआ हो, आपमें से कितने लोगों ने इसकी गवाही पुलिस थाने में दी है ??? सब अपना पल्ला झाड़ लेते हैं. (अपराध को देख कर मुँह मोड़ लेना भी उतना ही संगीन अपराध है)...
                 ४. अगर कुछ नैतिक मूल्यों की बात करें जैसे दहेज़ प्रथा, जाति के नाम पर वैमनस्य, आदि तो बाकि बचे खुचे लोग भी आ जायेंगे...
                 
                 और भी कितने ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब आपको मुझे नहीं अपने आपको देना है... 
                 मेरे एक सज्जन मित्र कहते हैं कि सभी नेताओं को फांसी पर चढ़ा देना चाहिए, लेकिन मेरे ख्याल से १२५ करोड़ भारतीयों में से ९० करोड़ लोगों को फांसी पर चढ़ा देना चाहिए (बाकी के बच्चे हैं).. न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी... हाँ निश्चित रूप से इतने लोग तो भ्रष्ट हैं ही भारत में.. चाहे वो सड़क चौराहे पर २० रुपये लेता ट्रैफिक हवलदार हो या अरबों रुपये के घोटालेबाज नेता...
                 क्यूँ न हम पहले अपने आप को सुधार लें देश अपने आप सुधर जायेगा....
                 अगर इन सवालों के बाद भी आपको लगता है कि आप इमानदार हैं, तो सोच क्या रहे हैं ... आईये राजनीति में आईये, इस देश को आपके जैसे नेताओं की ज़रुरत है....

                   Disclaimer :- मैं अपने आपको कतई ईमानदार नहीं समझता इसलिए नेताओं की बुराई करने में भी थोडा पीछे ही रहता हूँ.. देश को सुधारने से पहले खुद को सुधारने का प्रयास अनवरत ज़ारी है...
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