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आज फेसबुक पर अपना स्टेटस और उसपर कमेन्ट लिखते लिखते लगा कि ये तो एक पोस्ट बन गयी.... तो सोचा यहाँ भी डाल ही दूं.. तो उसमे बिना कुछ जोड़े या घटाए पेश है ये चटपटी पोस्ट....
मेरे फेसबूकिये दोस्त झेल चुके हैं आप भी झेलिये....
हमारे पूजनीय नेताओं ने बज़ट सत्र के दौरान कहा कि भारत में भी टूरिस्ट ट्रेन चलनी चाहिए.
अमा यहाँ टूरिस्ट ट्रेन चलानी की ज़रुरत क्या है.. यहाँ तो एक्सप्रेस ट्रेन भी इतनी मस्तानी चाल से चलती हैं कि आप हर स्टेशन की खूबसूरती का मज़ा उठाते हुए अपना सफ़र पूरा कर सकते हैं.
कितनी अजीब बात है, एक तरफ जहाँ विश्व भर में २५०-३५० km की रफ़्तार से रेलगाड़ियाँ दौड़ती हैं वहीँ भारत की सबसे तेज ट्रेन भी बामुश्किल १०० का आंकड़ा छू पाती है.
केवल ट्रेन की संख्या बढ़ाई जाती है हर बार....कभी गति बढ़ाने के बारे में कोई विचार नहीं होता.... अंग्रेज जैसा छोड़ कर गए थे सब कुछ वैसा ही है...
आज का रेल बज़ट देखने के बाद ममता बनर्जी से मेरी कुछ गुज़ारिश है....
१. ममता जी दोमंजिला ट्रेन चला रही हैं... हम तो कहते हैं अपार्टमेन्ट ट्रेन चलायी जाएँ... ताकि लोग अपने बिस्तर और रसोई के साथ सफ़र कर सकें....
२. हरियाणा सड़क परिवहन की तर्ज़ पर ट्रेन को भी हर घर के दरवाज़े से होते हुए पास कराया जाए...
३.बिहार सड़क परिवहन की तरह हर खिड़की के शीशे फोड़ दिए जायें, और सभी सीटों के गद्दे उखाड़ दिए जाएँ...
४.उत्तर प्रदेश बस की तरह देरी होने पर बस ड्राईवर और खलासी(गार्ड) को पीटने की इज़ाज़त दी जाए
५. कोलकाता की बसों की तरह ट्रेन के इंजन भी कम से कम ६० साल पुराने होने चाहिए ताकि उनसे ज्यादा से ज्यादा धुवाँ निकल सके...
६. डीटीसी की बसों की तरह ही ट्रेन को भी किसी को कुचल के आगे बढ़ने की आजादी मिले....
७. पंजाब रोडवेज की तरह ट्रेन ड्राईवर को भी शराब पीकर ट्रेन चलाने की इजाजत दी जाए ताकि गाडी की चाल और मस्तानी हो जाए....
८. बंगाल को इतनी रेलगाड़ियाँ देने के बाद एक ट्रेन आप अपने घर तक भी ले जा सकती हैं....
========================================================= Disclaimer :- ये सिर्फ मेरी निजी गुज़ारिश है अगर इससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचती है तो क्षमाप्रार्थी हूँ...
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