आवश्यक वस्तुओं की महंगाई के इस जमाने में क्या आप 12.50 रुपये में शाकाहारी थाली या 1.50 रुपये में एक कटोरी दाल या एक रुपये में एक रोटी मिलने की कल्पना कर सकते हैं। जी हां संसद भवन की कैंटीन में यह संभव है, भले ही भोजन देश में गरीबों की पहुंच से दूर होता जा रहा है।
बढ़ती महंगाई के खिलाफ सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने वाले सांसदों को निश्चित रूप से सस्ता खाना मिलता है। परंतु याद रहे यह सुविधा केवल सांसदों के लिए ही नहीं है। संसद के कर्मचारी, सुरक्षाकर्मी और मान्यता प्राप्त पत्रकार भी इस सुविधा का लाभ उठाते हैं, वहीं आम आदमी इन कीमतों के बारे में सोच भी नहीं सकता।
कीमतों का नमूना तो देखिए-
दाल, सब्जी, चार चपाती, चावल या पुलाव, दही और सलाद के साथ शाकाहारी थाली 12.50 रुपये
मांसाहारी थाली --- 22 रुपये
वेज पुलाव --- आठ रुपये,
चिकन बिरयानी--- 34 रुपये,
फिश करी,चावल ---13 रुपये,
राजमा चावल --- सात रुपये,
चिकन करी ---20.50 रुपये
चिकन मसाला --24.50 रुपये
बटर चिकन --- 27 रुपये
चपाती --- १ रुपये
एक प्लेट चावल ---२ रुपये
डोसा ----४ रुपये
खीर ----- 5.50 रुपये कटोरी
छोटा फ्रूट केक ---- 9.50 रुपये
फ्रूट सलाद ----७.००रुपये
ध्यान रहे ये कीमत उन लोगों के लिए है जिनकी महीने की तनख्वाह करीब 5०,००० रुपये है.... और ये तो सफ़ेद कमाई है, काले धन का तो पता ही नहीं....
न जाने ये कैसे विडंबना है | ऐसा नहीं कि ये खबर मीडिया से दूर है लेकिन जो पत्रकार यहाँ खुद छककर भोजन करते हैं वो भला क्यूँ इसे मुख्य खबर बनायेंगे | कैंटीन के कर्मचारी बताते हैं कि हाल ही में ख़त्म हुए शीतकालीन सत्र के दौरान प्रतिदिन यहाँ औसत रूप से ३००० लोगों को दिन का खाना परोसा गया |