Monday, July 11, 2011

रेलवे के टेक्नीकल फॉल्ट को जबरदस्ती ड्राईवर के सर पर मढ़ा जा रहा है...

              कल कानपुर-फतेहपुर के बीच मलवां स्टेशन के पास कालका मेल दुर्घटनाग्रस्त हो गयी जिसमे अब तक करीब ९० लोगों की मृत्यु की सूचना है... उत्तर-मध्य रेलवे के महाप्रभंधक का कहना है की तेज गति में होने पर इमरजेंसी ब्रेक लगाने के कारण ये हादसा हुआ.... आईये देखें ये संभव क्यूँ नहीं है...
  1.    रेलवे आज से ५ साल पहले ही १५० की गति में ब्रेक लगाकर सफल परिक्षण कर चुका है...
  2.    चलिए अगर ये मान भी लें कि ब्रेक के कारण ये हादसा हुआ तो उस परिस्थिति में पीछे की बौगियाँ उतरतीं जबकि आगे की बौगियाँ दुर्घटना की शिकार हुयी हैं.. ये तो स्कूल तक की फिजिक्स पढने वाले भी जानते हैं के सबसे ज्यादा आघूर्ण (torque), center of rotation से सबसे दूर वाले बिंदु पर लगता है... तो पीछे की बौगियाँ ही सबसे पहले अपना स्थान छोड़ेंगी...
  3.      इस रेलगाड़ी में WAP 7 इंजन जुड़ा था, जिसकी टेक्नीकल स्पेसिफिकेशन अगर आप पढेंगे तो ये पायेंगे की ये इंजन ११० की गति से शुन्य तक की गति तक आने में केवल २०० सेकेण्ड का समय लेता है यानी कि करीब २९० मीटर तक चलने के बाद बिना किसी दुर्घटना के गाडी रुक जायेगी, बस हलके झटके लगेंगे...
              
                 तो हमारे ऊंचे पदों पर बैठे लोग ये जान लें कि हम यहाँ बेवकूफ नहीं बैठे जो वो अपनी गलती का ठेका उस ड्राईवर पर डाल दें सिर्फ इसलिए कि वो गरीब है और आवाज़ नहीं उठा सकता....
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                  इस दुर्घटना में मृत लोगों की आत्मा को शान्ति मिले और घायल लोग जल्द से जल्द स्वस्थ हों ऐसी कामना करता हूँ...

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