"ए पगली, नींद आ रही है क्या ??? सर सहला दूं... ?"
"हम्म्म्म....."
".... आओ, चलो सो जाओ.. !!!"
"अच्छा एक बात बताओ, तुम्हारा हाथ दर्द नहीं करता ??? यूँ घंटों मेरा सर सहलाते रहते हो, खुद तो एक मिनट के लिए भी नहीं सोते.... !!!"
"ऊंह हूँ......"
"क्यूँ ??? !!!"
"क्यूंकि, विकास अंशु को बहुत प्यार करता है.... और अंशु को इतने सुकून से, इतने प्यार से सोते देख कर उसे खूब ख़ुशी मिलती है...."
"अच्छा.... रियली ?? !!!...."
"ह्म्म्म..... अच्छा अब ऐसे मुझे देखना बंद करो, और आँखें बंद करो और सो जाओ..."
"....."
"....."
"विकास ?????......"
"ह्म्म्म.... बोलो न...."
"अपना दूसरा हाथ लाओ न, मुझे तकिया बनाना है......"
"हा हा हा.. पगली कहीं की.... ये ले.... अब मुस्कुराना बंद करो और निन्नी कर लो...."
"....."
"....."
"....."
"....."
"विकास, एक बात कहूं....!!!"
"कहो न... !!!"
"....अंशु भी विकास को बहुत प्यार करती है....."
"क्या कहा.... फिर से कहो... !!! ???.... ए अंशु ... सुनो न... क्या कहा.... मैंने सुना नहीं.... प्लीज कहो न.....एक बार और कहो न..."
"क्या कहा.... फिर से कहो... !!! ???.... ए अंशु ... सुनो न... क्या कहा.... मैंने सुना नहीं.... प्लीज कहो न.....एक बार और कहो न..."
"ऊंह हूँ......तुमने मिस कर दिया..."
"मैंने कहा..... आई लव यू...."
"सच्ची....??? सच सच कहो..... "
"ह्म्म्म...."
"कब से... कैसे....."
"पता नहीं... मुझे सच में नहीं पता...."
"पहले क्यूँ नहीं बताया... पगली....."
"मुझे खुद पता चलता तब न....."
"....."
"....."
"....."
"....."
"विकास ???? ....."
"ह्म्म्मम्म......"
"क्या देख रहे हो...???"
"वो देखो आसमान में वो खूबसूरत से टिमटिमाते तारे, और चाँद देखो कितना सुन्दर लग रहा है... "
"तारे ??? चाँद ??? पागल हो गए हो क्या, वो तो छत और वहां पंखा घूम रहा है..."
"तारे ??? चाँद ??? पागल हो गए हो क्या, वो तो छत और वहां पंखा घूम रहा है..."
"ओफ्फ्फ हो... तुम देख नहीं पा रही हो अंशु, गौर से देखो... अरे ऐसे नहीं आखें बंद करके देखो... ठंडी हवा है, सामने कित्ती प्यारी सी नदी बह रही है... आवाज़ तो सुनो पानी की....."
"......हे भगवान्, क्या हो गया तुमको.....!!!"
"अरे रे ज्यादा मत सोचो, देखो न, चाँद कितने प्यार से हमें देख रहा है, उसकी इस ठंडी धूप को हम पर पड़ने दो न, तुम्हें पता है जब भी ये ठंडी चांदनी रिश्तों पर पड़ती है, तो अक्सर प्यार हो जाया करता है...."
"अरे रे ज्यादा मत सोचो, देखो न, चाँद कितने प्यार से हमें देख रहा है, उसकी इस ठंडी धूप को हम पर पड़ने दो न, तुम्हें पता है जब भी ये ठंडी चांदनी रिश्तों पर पड़ती है, तो अक्सर प्यार हो जाया करता है...."
"मुझे नहीं पता तुम क्या बोलते रहते हो, तुम राईटर लोग भी न, कुछ भी सोच कर कुछ भी बोलते हो और कुछ भी लिख देते हो.... "
"हा हा हा... पगली....ठीक है, चलो सो जाओ...."
"..............अब नींद कहाँ से आएगी बुद्धू..... ऐसे में नींद भी आती है क्या....."
"ये भी सही बात है.... "
"....."
"....."
"....."
"विकास ???...."
"हम्म्म्म...."
"ये कहीं सपना तो नहीं....!!! मुझे सच में तुमसे प्यार हो गया क्या....???"
"हाँ रे..... तुझे तो सच में मेरे से प्यार हो गया.... लेकिन कैसे हो गया रे पगली... मुझे तो लगा था मैं अकेला ही रह जाऊँगा हमेशा...."
"क्यूँ नहीं होता आखिर, विकास अंशु से इतना प्यार करता है.... अंशु को भी एक दिन प्यार तो होना ही था न..... "