Wednesday, June 06, 2012

आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया...

             कभी कभी वक़्त इतनी तेजी से इन चंचल लहरों के संग हो लेता है कि पता ही नहीं चलता कब हम बहते बहते कितनी दूर चले आये हैं... ऐसा लगता है जैसे कल ही की बात थी जब मैंने ब्लॉगिंग शुरू की थी... आज इस शतकीय पोस्ट पर जब पीछे पलट कर देखता हूँ तो ज़िन्दगी के कई पन्ने यूँ ही अधखुले से फडफडाते हुए जान पड़ते हैं... सामान्यतः मैं अपनी पुरानी पोस्ट्स नहीं पढ़ता, लेकिन जाने अनजाने में कुछ पोस्ट अपने दिल के इतने करीब से होकर गुज़रते हुए यहाँ उतारी हैं कि आज सब कुछ फिर से पढने का मन किया.... कुछ को पढके हंसी भी आई और कुछ ने आखें भी नम कर दीं... कुछ पोस्ट को पढ़ के तो ऐसा लगा जैसे इतना सब कुछ मैंने कैसे लिख दिया... मेरे कई बीते लम्हों को यूँ ही समेटता रहा हूँ हमेशा... कई सारी पोस्ट आज भी अन्दर तक उतर आती हैं...
             ब्लॉग लिखना शुरू करने के पहले अक्सर मैं यूँ ही बकवास अपनी डायरी में लिख लिया करता था, तब तो ये भी पता नहीं था ये कमबख्त किस चिड़िया का नाम है... अगर प्रतीक ने अपना ब्लॉग नहीं बनाया होता तो मुझे पता भी नहीं चलता.... हालांकि वो इंग्लिश में लिखता था लेकिन उसी समय मेरा भी ब्लॉग बनाने का मन किया... इसके बारे में कुछ तो पता नहीं था... ब्लॉग बनाने, उसका टेम्पलेट वगैरह खोजने का पूरा का पूरा काम मनीष ने किया... मुझे ब्लॉगर बनाने का पूरा क्रेडिट मनीष को... और मेरी पोएम्स को पढ़कर उसको झेलने के लिए मैं निशांत को भी हमेशा थैंक्स बोलूँगा... प्रतीक, मनीष और निशांत तुम तीनो का बहुत बहुत शुक्रिया मुझे इस दुनिया में लाने के लिए.... आज मैं यहाँ बहुत खुश हूँ, जब कभी भी मेरा खामोश दिल चुपके से सुगबुगाता है तो उसे यहाँ सबके सामने रख पाता हूँ... इस ब्लॉग ने मुझे बहुत कुछ दिया... कई सारे अच्छे दोस्त जिनसे हर सुख दुःख बाँट सकता हूँ... सबके नाम तो गिनाना शायद मुश्किल है लेकिन कुछ लोग जो अपने से भी ज्यादा अपने हो गए इन पिछले करीब दो सालों में.... चाहे वो "एनी टाईम अवेलेबल" रहने वाली दोस्त मोनाली हो या फिर मुझे ढेर सारा मानने वाले देव भिया, अजय भैया, शिवम भैया,  प्रशांत भाई, अभिषेक भाई, वंदना और ऐसे न जाने कितने ही अपने जिनसे मिलवाने में मेरे इस ब्लॉग ने मदद की... हालांकि सबसे बातें बढाने में फेसबुक ने काफी मदद की लेकिन फिर भी ब्लॉग का महत्व कम नहीं हो सकता.... ये ब्लॉग केवल मेरे विचारों के बवंडर को समेटने का सिर्फ एक जरिया मात्र नहीं बल्कि एक अपने आप में मेरी एक छोटी सी प्यारी दुनिया है... जहाँ हर तरह के लोग हैं जो अपनी ज़िन्दगी का हिस्सा सा लगने लगे हैं...आप सभी लोगों ने मेरे हर अच्छे बुरे लम्हों को इन पोस्ट्स के माध्यम से पढ़ा, सराहा, हौसला दिया... आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया... आप यूँ ही पढ़ते रहे और मैं यूँ ही लिखते रहने की कोशिश करता रहूँगा...
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