पिछले दिनों मुझे काफी सर्दी-जुकाम था, इसलिए समय से मेरी पोस्ट भी नहीं आ पाई | खैर मैं शाम को यूँ ही छत पर ताज़ी हवा ले रहा था अचानक मुझे जोर की छींक आयी, अब जुकाम है तो यह कोई बड़ी बात तो है नहीं | लेकिन मेरी छींक सुनकर नीचे सड़क पर गुजर रहे एक सज्जन ठिठके उनहोंने मुझे अजीब सी नज़रों से देखा और बुदबुदाते हुए बढ़ गए | मुझे उस समय कुछ समझ नहीं आया फिर एहसास हुआ कि लगता है इस छींक को उन्होंने अपशकुन मान लिया | अब बताईये इसमें मेरा क्या दोष भला, मैं तो खुद परेशान था |
NOTE:- कृपया मेरे द्वारा दी गयी टिप्पणियों को भी जरूर पढ़ें, आपके काफी सारे सवालों के जवाब वहां मिल जायेंगे..
PS:- अगर आपने यह पोस्ट नहीं पढ़ी है तो कृपया टिप्पणी देने का भी कष्ट ना करें....
क्या आप भी इन बातों को मानते हैं ?? चलिए आपसे कुछ सवाल ही पूछ लेता हूँ....
- क्या बिल्ली के रास्ता काटने पर आप रुक जाते हैं ?
- कहीं जाते समय अगर कोई पीछे से टोक दे तो क्या आप चिढ़ जाते हैं ?
- क्या किसी की छींक को अपने कार्य के लिए अशुभ मानते हैं ?
- क्या किसी दिन विशेष को बाल कटवाने या दाढ़ी बनवाने से परहेज करते हैं ?
- क्या दिन के अनुसार ही मांसाहार करते हैं ?
- क्या आप भगवान् के नाम पर तुरंत चंदा देने के लिए तैयार हो जाते हैं ?
- क्या अपनी उँगलियों में आप तरह तरह की अंगूठियाँ इसलिए पहनते हैं क्यूंकि आपको लगता है कि ये आपकी ज़िन्दगी पर कोई प्रभाव डाल सकती है ?
- क्या आपको लगता है कि तीर्थ घूमने या हज यात्रा करने से आपके सारे पाप धुल जायेंगे ?
- क्या आपको लगता है की घर या अपने अनुष्ठान के बाहर नींबू-मिर्च लगाने से बुरी नज़र से बचाव होगा ?
- क्या सुबह सुबह आप अखबार में अपना राशिफल देखने से नहीं चूकते ?
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