तो इस सप्ताह की हमारी सर्वश्रेष्ठ पाठिका है मोनाली जौहरी और उनकी भेजी और आशा जोगलेकर जी की लिखी रचना का शीर्षक है |
अब तुमसे दूर....
अब तुमसे दूर बहुत दूर चला जाता हूँ
रोकना अब न, यहां से मै कहां जाता हूँ ।
जो अपने बीच घटा था कभी कुछ नाजुक सा
वो तेरे पास अमानत सा रखे जाता हूँ ।
न पूछो मुझसे सवाल, जवाबों को न सह पाओगी
उलझे उलझे से इन सवालों को लिये जाता हूँ ।
जो कुछ था दिल में हमारे, कब किसने जाना
न उसको चौपाल पे लाओ, मै चला जाता हूँ ।
जानता हूँ, जला करके तुलसी पे दिया,
तकोगी राह मेरी, फिर भी चला जाता हूँ ।
होगी मुलाकात कभी किस्मत में जो लिख्खी होगी
एक दुआ तुम करो, एक मैं भी किये जाता हूँ ।
=================================================================रोकना अब न, यहां से मै कहां जाता हूँ ।
जो अपने बीच घटा था कभी कुछ नाजुक सा
वो तेरे पास अमानत सा रखे जाता हूँ ।
न पूछो मुझसे सवाल, जवाबों को न सह पाओगी
उलझे उलझे से इन सवालों को लिये जाता हूँ ।
जो कुछ था दिल में हमारे, कब किसने जाना
न उसको चौपाल पे लाओ, मै चला जाता हूँ ।
जानता हूँ, जला करके तुलसी पे दिया,
तकोगी राह मेरी, फिर भी चला जाता हूँ ।
होगी मुलाकात कभी किस्मत में जो लिख्खी होगी
एक दुआ तुम करो, एक मैं भी किये जाता हूँ ।
PS :- हालाँकि मुझे आप लोगों के द्वारा रचनायें नहीं के बराबर मिल रही हैं फिर भी उम्मीद का दामन छोड़ा नहीं है मैंने, उम्मीद है आप रचनायें भेजते रहेंगे... अपना पता याद दिलाता चलूँ..
sunhariyadein@yahoo.com